

उस पार,
कोई मेरे जैसी,
आँख मिचौली खेलती अपने आप से,
खुद को समझाती, सपनों को पूछती
क्या तुम कभी सच होते हो
या बाकी सब की तरह तुम भी बस दिलासा ही देते हो ||
मैंने अम्मा से कहा कल तुम्हारे बारे में
वो बोली हट पगली ये भी क्या लड़कियों के करने की चीज हैं,
पूछा था मैंने भैया से भी कुछ दिन पहले
तब जवाब आया था ये लड़कियों बाली बातें मुझसे ना किया करो ||
अब कोई तो समझाये मुझे मेरा दायरा,
कोई कहे लड़की है ये ना कर
कोई कहे लड़की है ये किया कर
बस इसी में घसती ये मेरी नन्ही ख्वाहिशें,
कुछ टूटे सपने, और कुछ कभी ना सच होने वाले ख्वाब
मैंने पूछा सपनों से
क्या तुम कभी सच होते हो
या बाकी सब की तरह तुम भी बस दिलासा ही देते हो
They Call Me Nari
Hi! I am Anushree Dash…
Freethinker,
1 Part Entrepreneur
2 Parts Blogger
3 Parts photographer
4 Parts explorer, Too many Parts.
A free-spirited,non-conformist,independent,adventurous,boho soul and an admirer of life.Loves my Indian roots, Culture, Aesthetic Living, Saree, Poetry …